सुप्रीम कोर्ट ने कहा: आतिशबाज़ियों पर पूर्ण प्रतिबंध कारगर नहीं, संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आतिशबाज़ियों पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर अहम निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध हमेशा प्रभावी नहीं होता और इससे अवैध गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं, जैसा कि बिहार में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध के बाद अवैध खनन माफिया का उदय हुआ था। इसलिए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने के बाद आतिशबाज़ियों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने को कहा। इस बीच, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) और पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) से प्रमाणित निर्माताओं को दिल्ली-एनसीआर में ‘ग्रीन क्रैकर्स’ का निर्माण करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते वे इनका विक्रय न करें।

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र सरकार सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने के बाद एक संतुलित समाधान प्रस्तुत करे। अगली सुनवाई 8 अक्टूबर 2025 को होगी।

यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और उद्योगों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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