मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 अगस्त 2025) बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रोक दिया है, जिसने एक आत्महत्या उकसाने (धारा 306 IPC) के मामले में प्राथमिकी (FIR) रद्द करने से इनकार कर दिया था। मामले में आरोपी—शिवलिंग ऐवले और अन्य चार—के खिलाफ सोलापूर ज़िले के आकलूज थाना में ऐसा FIR दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप है कि उन्होंने मृतक को “धमकी और परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर” किया।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 10 जून 2025 को FIR रद्द करने से मना करते हुए कहा कि मार्च 2025 में चार्जशीट पहले ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर कर दी गई है; अत: आरोपी को चल रही प्रक्रिया के बजाय परीक्षण अदालत में डिस्चार्ज याचिका दाखिल करनी चाहिए ।
इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर शीर्ष न्यायालय ने पाँच सप्ताह की मोहलत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है (रिम्स्ट्री रिपोर्टिंग तक अदालत का आदेश लागू नहीं होगा) ।