सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को सोशल मीडिया अकाउंट्स के निलंबन और ब्लॉकिंग पर दिशानिर्देशों के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को यह याचिका वापस लेने की अनुमति दी और उन्हें उचित मंच से वैधानिक उपाय तलाशने की सलाह दी।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज द्वारा अकाउंट निलंबन और ब्लॉकिंग के लिए पारदर्शिता, अनुपातिकता और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए देशभर में दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि उनके व्हाट्सएप अकाउंट्स बिना किसी पूर्व सूचना के निलंबित कर दिए गए, जिससे उनके व्यवसायिक संवाद में विघ्न आया।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं से पूछा, “व्हाट्सएप तक पहुंच का आपका मौलिक अधिकार क्या है?” और यह भी पूछा कि उन्होंने सीधे उच्चतम न्यायालय में क्यों याचिका दायर की, जबकि उच्च न्यायालय में भी इस प्रकार की याचिका दायर की जा सकती थी। अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि वे एक नागरिक मुकदमा दायर करने पर विचार करें।
यह निर्णय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा अकाउंट निलंबन और ब्लॉकिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुपातिकता की आवश्यकता को लेकर चल रही बहस के बीच आया है।