यमन में बढ़ते तनाव के बीच ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त रूप से बड़ा कदम उठाते हुए हौती विद्रोहियों के ठिकानों पर भीषण हवाई हमले किए। यह कार्रवाई हौती विद्रोहियों द्वारा रेड सी में वाणिज्यिक जहाज़ों पर हमलों की प्रतिक्रिया में की गई है, जिससे वैश्विक व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा हो रहा था।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि रॉयल एयर फोर्स के टायफून लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी सहयोग से हौती ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इन हमलों में मिसाइल भंडारण इकाइयों, ड्रोन लॉन्च साइट्स और रडार स्टेशनों को निशाना बनाया गया।
अमेरिका ने इस अभियान को आत्मरक्षा का हिस्सा बताया, जिससे शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दोनों देशों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से किया गया है।
वहीं, हौती विद्रोहियों ने हमलों की पुष्टि की है और इसे विदेशी हस्तक्षेप करार दिया है। उन्होंने इसके जवाब में और हमलों की चेतावनी भी दी है।
यह हमला मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण हालात को और जटिल बना सकता है। वैश्विक प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हैं।