उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सरकारों पर शिक्षा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि 2017 से पहले राज्य की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अस्तित्व संकट का सामना कर रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने “ठेके पर नकल” की प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह बयान सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 494 सहायक अध्यापकों और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए दिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले राज्य में नकल एक सामान्य प्रथा बन गई थी, जिससे अन्य राज्यों के छात्र भी यूपी में परीक्षा देने आते थे। उनकी सरकार ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत परिषद संचालित स्कूलों में तकनीकी और बुनियादी सुधार किए, जिससे शिक्षा प्रणाली में सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि नीति आयोग ने इन सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास का साधन होना चाहिए।यह बयान राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।