उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में भारी बारिश के चलते कुपड़ागाड़ (गड़ेरे) से निकला मलबा यमुना नदी का रास्ता रोकने से नदी में एक औसत रूप से आधा किलोमीटर लंबी और लगभग 250–300 मीटर चौड़ी अस्थाई झील बन गई है। जलस्तर में वृद्धि ने स्थानीय झील-क्षेत्र, मकान, होटल और यमुनोत्री हाईवे का मोटर पुल जलमग्न कर दिए हैं।
प्रशासन ने स्यानाचट्टी कस्बे और आसपास के क्षेत्रों—जिसमें 30 से ज्यादा मकान, होटल, स्कूल और व्यवसाय शामिल हैं—को खाली करवा दिया है और लगभग 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सिंचाई, राजस्व व अन्य विभागों की टीमें现场 (स्थल पर) मौजूद हैं। ड्रोन निगरानी के माध्यम से स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने घोषणा की है कि मौसम अनुकूल होते ही झील की सुरक्षित निकासी के प्रयास तेज कर दिए जाएंगे।
स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, क्योंकि झील का अचानक फटना बाढ़ जैसी आपदा पैदा कर सकता है, जिससे निचले इलाकों को भारी तबाही झेलनी पड़ सकती है।