आगरा के खेरागढ़ क्षेत्र में 2 अक्टूबर को दशहरे के अवसर पर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान युतंगन नदी में डूबे सभी 12 व्यक्तियों के शवों को 124 घंटे की कठिन बचाव कार्यवाही के बाद बरामद कर लिया गया। इस घटना में एकमात्र जीवित बचे युवक विष्णु ने बताया कि नदी में गहरे गड्ढे और कीचड़ के कारण सभी फिसलकर बह गए। स्थानीय प्रशासन ने नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए अस्थायी बांध बनाए और पानी की निकासी की व्यवस्था की। बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और स्थानीय गोताखोरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मृतकों की पहचान इस प्रकार की गई है: सचिन (14), दीपक (15), मनोज (15), अभिषेक (16), विनेश (19), ओकेश (19), गजेन्द्र (20), करण (21), हरेश (22), भगवती (23), गगन (25) और ओमपाल (35)। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। स्थानीय लोगों ने नदी में अवैध बालू खनन को इस दुर्घटना का कारण बताया, जबकि प्रशासन ने इस आरोप को खारिज किया है।
यह घटना स्थानीय प्रशासन और बचाव दल के समन्वित प्रयासों से समाप्त हुई, जिसमें मुख्यमंत्री की निरंतर निगरानी और समर्थन प्राप्त हुआ।