उत्तराखंड में कफ सिरप की अवैध बिक्री पर कड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 12 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं, जबकि 10 दुकानों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद राज्य में कफ सिरप की अवैध बिक्री की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है।
अपर आयुक्त एफडीए ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार, गुरुवार को हरिद्वार में तीन, उधम सिंह नगर में पांच, देहरादून में एक और नैनीताल में तीन मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त किए गए। इनमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल है। राज्यभर में 100 से अधिक मेडिकल स्टोरों की जांच की गई, जिसमें दवाओं का स्टॉक ठीक से मेंटेन न करना, बिना पर्चे के दवा देना और एक्सपायर दवाओं का रिकॉर्ड न रखना जैसी खामियां पाई गईं।
एफडीए और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने ‘सेफ ड्रग्स, सेफ लाइफ’ अभियान के तहत छापेमारी की। अधिकांश मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित कफ सिरप की पेटियां पाई गईं, जिन्हें सील किया गया। साथ ही, कई स्टोरों में फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति, सीसीटीवी की बंद स्थिति और एक्सपायर दवाओं का रिकॉर्ड न होना भी पाया गया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी मेडिकल स्टोरों को कफ सिरप के मामले में सतर्क रहने और एफडीए के निर्देशों का पालन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि कोई मेडिकल स्टोर दवाओं के मामलों में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।