उत्तराखंड के मदरसों में अब राज्य शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू, हिंदी-उर्दू अनिवार्य, संस्कृत वैकल्पिक

​उत्तराखंड सरकार ने राज्य के मदरसों में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब सभी मदरसे उत्तराखंड राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम का पालन करेंगे, जिसमें हिंदी और उर्दू अनिवार्य विषय होंगे, जबकि संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि मदरसों के प्रधानाचार्यों को राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य मदरसा छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है, जिससे वे विज्ञान, गणित और सामाजिक अध्ययन जैसे विषयों में भी दक्षता प्राप्त कर सकें।​

इस कदम के तहत, राज्य के सभी 416 पंजीकृत मदरसों में संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जाएगा। इसके अलावा, कंप्यूटर शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना है, ताकि छात्रों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान प्राप्त हो सके। ​

इस निर्णय का उद्देश्य मदरसा छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे धार्मिक अध्ययन के साथ-साथ आधुनिक विषयों में भी पारंगत हो सकें। यह पहल राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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