उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली तहसील में रतगांव के ढाढरबगड़ गदेरे में बन रहा 60 मीटर लंबा बैली ब्रिज ढह गया। इस पुल के टूटने से रतगांव की 4000 से अधिक की आबादी का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया है। बताया जा रहा है कि पुल के निर्माण में लगे ठेकेदार के श्रमिकों ने एक साथ रस्से और सपोर्ट हटा दिए, जिससे पुल का संतुलन बिगड़ गया और वह गदेरे में गिर गया। गनीमत यह रही कि इस दौरान पुल पर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार के खिलाफ थाना थराली में तहरीर दी है और जांच शुरू कर दी है। सहायक अभियंता जगदीश कुमार टम्टा के अनुसार, ठेकेदार ने बैली ब्रिज के सपोर्ट और वर्थ को एक साथ हटा दिया था, जिसकी वजह से पुल टूट गया। अब फिर से पुल को खोला जा रहा है और नए सिरे से जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा।
यह पुल डूंगरी-रतगांव मार्ग पर घटगाड़ में बनाया जा रहा था, जिसकी स्वीकृति शासन ने वर्ष 2024 में दी थी। दो महीने पहले इस पर काम शुरू हुआ था, लेकिन लापरवाही के चलते यह बैली ब्रिज भी टूट कर गदेरे में जा गिरा। स्थानीय लोगों ने पहले ब्रिज निर्माण की जांच की मांग के साथ ही बरसात से पहले पुल निर्माण करने की मांग की है।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही से न केवल सरकारी धन की बर्बादी होती है, बल्कि आम जनता की जिंदगी भी प्रभावित होती है।