वसई-विरार निर्माण घोटाले (Construction Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 12 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें मुंबई, ठाणे, नासिक और वसई‑विरार शामिल हैं। ये सारे ठिकाने पूर्व VVCMC आयुक्त अनिल पवार, उनके परिवार, करीबी सहयोगियों और कथित बेनामी संपत्तियों से जुड़े थे। इस दौरान ₹1.33 करोड़ कैश जब्त किया गया, विशेष रूप से पवार के भतीजे के नासिक स्थित घर से।
ED की जांच इस गैरकानूनी निर्माण घोटाले पर केंद्रित है, जिसमें 2009 से VVCMC क्षेत्र में सरकारी और निजी जमीन पर 41 अवैध इमारतें बनाई गई थीं, जो सर्विस सुविधाओं के लिए आरक्षित थीं — जैसे सीवेज प्लांट और कचरा डंपिंग ग्राउंड।
जांच से पता चला कि एक संगठित ‘कार्टेल’ के माध्यम से VVCMC के वरिष्ठों से ₹20–₹25 प्रति फीट और जूनियर अधिकारियों से ₹10 प्रति फीट रिश्वत ली गई। पवार पर shell कंपनियों और बेनामी नामों के जरिए ये काले धन जुटाने का आरोप है। डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों ने इस नेटवर्क और करप्शन की गहराई की पुष्टि की है।
इस सप्ताह की कार्रवाई मई में हुई पहली जांच की दूसरी कड़ी है, जिसमें अधिवासों, गहने, नकदी और फ्रीज किए गए वित्तीय संपदाओं की जब्ती शामिल थी। ED ने अनिल पवार के खिलाफ PMLA के तहत समन जारी किए हैं और उनसे आगे की पूछताछ करने की तैयारी है।