अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में सफल Axiom-4 मिशन से लौट चुके Group Captain शुभांशु शुक्ला ने कहा है कि “बहुत जल्द किसी भारतीय को हमारी ही कैप्सूल, हमारी रॉकेट, हमारी धरती से अंतरिक्ष में जाना संभव होगा”—यह बयान उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। उन्होंने बताया कि ISS में बिताया गया अनुभव प्रशिक्षण से कहीं अधिक मूल्यवान है और यह भारत के भीतर मिशन Gaganyaan तथा भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station) के लिए निर्णायक साबित होगा।
शुक्ला ने यह भी साझा किया कि, “जब रॉकेट का इंजन जलता है, वह अनुभव बहुत ही अनूठा होता है”—यह वह भावना है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
Axiom-4 मिशन ने ISRO और भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों और STEM गतिविधियों का सफल संचालन सुनिश्चित किया। इस मिशन से प्राप्त जानकारियाँ Gaganyaan और भविष्य में भारत के पायलटेड अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्गदर्शक होंगी।
इस सफल मिशन पर Cabinet ने एक विशेष प्रस्ताव पास करते हुए शुभांशु शुक्ला की वापसी को “युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ” बताया है, जो भारत के अंतरिक्ष प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।