देश को क्यों पड़ी CBI की जरूरत और कैसे हुई थी CBI की स्थापना, जानिये क्या है पूरी कहानी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई के डायमंड जुबली कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

बता दे कि इस दौरान उन्होंने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए और हमारी कोशिशों में कोई भी ढील नहीं आनी चाहिए।
आइए जानते हैं सीबीआई क्या है, इसकी स्थापना कब हुई, इसका उद्देश्य क्या है ?
देश में सरकार ने भ्रष्टाचार के उन्मूलन और सत्यनिष्ठा को स्थापित करने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के संकल्प से दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 पारित हुआ।

बता दे कि सन 1962 में लाल बहादुर शास्त्री ने प्रशासन में भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं से निपटने और सुझाव देने के लिए संथानम कमेटी नियुक्ति की।
इसी के साथ कमेटी की संस्तुतियों पर अमल करते हुए भारत सरकार ने एक अप्रैल 1963 को प्रस्ताव द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरी यानी सीबीआई की स्थापना की।
हालांकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भारत की प्राथमिक जांच एजेंसी है, जिसे 1 अप्रैल 1963 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के एक संकल्प द्वारा स्थापित किया गया था।

बता दे कि सीबीआई के पहले डायरेक्टर डी.पी.कोहली थे। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा- जनता आपसे कार्यकुशलता और सत्य निष्ठा दोनों में उच्चतम स्तर की अपेक्षा करती है। इस विश्वास को बनाए रखना है।

हालांकि शुरुआत से ही सीबीआई ने अपने आदर्शवाद के उद्यमिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के पथ पर चलते हुए अत्यंत जटिल और संवेदनशील मामलों की जांच में सत्य को उजागर कर देश की विभिन्न संस्थाओं और जनता का विश्वास अर्जित किया है।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र व राज्य सरकार, लोकपाल और केंद्रीय सतर्कता आयोग ने निरंतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की संगीन आपराधिक मामलों की जांच सौंपकर सीबीआई की जांच प्रणाली में अपना विश्वास व्यक्त किया है।

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