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आलाकमान सख्त: टीवी पर जाने के लिए भाजपा नेताओं को लेनी होगी अनुमति, बोलने की भी गाइडलाइन तय

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पीएम मोदी -अमित शाह

भाजपा से निष्कासित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद अब पार्टी हाईकमान ने टीवी पर डिबेट के दौरान अपने नेताओं के लिए नई गाइडलाइन तय कर दी है.

डिबेट के दौरान पार्टी के नेताओं और प्रवक्ताओं को क्या बोलना है, अब पहले से तय किया जाएगा. इसके साथ वही नेता अब टीवी कार्यक्रम में जाएंगे जिनको भारतीय जनता पार्टी मीडिया डिपार्टमेंट से अनुमति होगी. इसके साथ हाईकमान ने नेताओं के लिए गाइडलाइन में कहा कि वह किसी धर्म पर टिप्पणी नहीं करेंगे. ‌

किसी धर्म गुरु पर टिप्पणी नहीं करेंगे. संयमित भाषा का उपयोग करेंगे. उत्तेजित होने या भड़कने की जरूरत नहीं है. मुद्दों पर पूछताछ करेंगे और उनका अध्ययन करेंगे.

किसी मुद्दे पर बहस से पहले पार्टी लाइन का पता करेंगे. किसी के जाल में नहीं फंसेंगे. केवल भाजपा से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे.

बता दें कि बीते दिनों बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने एक निजी चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित बयान दिया था.

इसके बाद कानपुर में दो समुदायों के बीच झड़प और हिंसा हुई थी. ‌ यही नहीं इस मामले की जांच इस्लामिक देशों तक भी पहुंची.

कई अरब देशों ने भारत सरकार पर इस मामले में दबाव बनाया हुआ है. ‌इसके साथ कुछ मुस्लिम देश मोहम्मद साहब के मामले में भारत से माफी भी मांगने के लिए कहा है. अरब देशों के दबाव पर भाजपा हाईकमान ने पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को भाजपा से निलंबित कर दिया था.

वही आज दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा को सुरक्षा प्रदान कर दी है. दूसरी ओर मंगलवार को बीजेपी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा को अब मुंबई पुलिस ने समन भेजा है. पुलिस ने नूपुर को 22 जून तक पेश होने के लिए समन भेजा है.

पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में मुंबई के पाईधुनी पुलिस स्टेशन में नूपुर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने यह कार्रवाई की है. लेकिन नूपुर को विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार की सहानभूति मिली है.

वीएचपी अध्यक्ष ने कहा कि, बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा का बयान सही या गलत, यह अदालत तय करेगी. बिना अदालत का फैसला आए ही नूपुर की टिप्पणी पर हिंसक प्रदर्शन देश के लिए चिंताजनक विषय है.

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