सीबीएसई ने नए शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए किया ये बड़ा बदलाव, 50 फीसदी पाठ्यक्रम वाली दो टर्म एंड परीक्षाएं होंगी

सीबीएसई ने फैसला लेते हुए स्कूलों में शिक्षा और परीक्षा के लिए अकादमिक सत्र को 50-50 प्रतिशत सिलेबस के हिसाब से दो भागों में विभाजित किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि मौजूदा एकडमिक सेशन को दो भागों में बांट दिया जाएगा. इसके साथ ही सीबीएसई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए भी अलग-अलग महीने होंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020-21 सत्र की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया था. वह फैसला छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया था. अब आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए सीबीएसई ने नया फार्मूला तैयार किया है.

बोर्ड द्वारा यह योजना कोविड-19 महामारी की वजह से लाई गई है जिसके कारण पिछले साल कुछ विषयों की बोर्ड परीक्षा और इस वर्ष संपूर्ण बोर्ड परीक्षा को रद्द करना पड़ा है.

सीबीएसई दिशा-निर्देशों की खास बातें-
1.सीबीएसई द्वारा बनाए गए नए कार्यक्रम के अंर्तगत 2021-22 के अकादमिक सत्र में बोर्ड परीक्षाएं दो बार में आयोजित की जाएगी. हर बोर्ड परीक्षा में 50 प्रतिशत सिलेबस कवर किया जाएगा.
2.सीबीएसई के निदेशक (शिक्षण) जोसेफ इमैनुएल द्वारा जारी सरकारी आदेश के अनुसार, पहले टर्म (अवधि) की परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में होगी जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल, 2022 में होगी.
3.इन परीक्षाओं में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे, ये एमसीक्यू घटना आधारित और अन्य प्रकार के हो सकते हैं. परीक्षा का समय 90 मिनट का होगा और पहले टर्म में सिर्फ युक्तिसंगत पाठ्यक्रम से ही सवाल किए जाएंगे. प्रश्नपत्र और मूल्यांकन की योजना सीबीएसई द्वारा स्कूलों को भेजी जाएगी.
4.पहले टर्म के अंत में बोर्ड नवंबर-दिसंबर, 2021 में चार से आठ सप्ताह की समय सीमा में देश-विदेश में स्थित स्कूलों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करेगा.
5.10वीं और 12वीं का अकादमिक सत्र 50 -50 प्रतिशत सिलेबस के अनुसार दो भागों में बांटा जाएगा. इसके तहत पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर में ली जाएगी, वहीं शेष 50 प्रतिशत सिलेबस के लिए दूसरी परीक्षा मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाएगी.
6.परीक्षाएं बाहर से आए परीक्षकों और सीबीएसई द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की निगरानी में होंगी. विद्यार्थी प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर भरेंगे. इन शीट को स्कैन करने के बाद सीधे-सीधे सीबीएसई की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है, या फिर उनकी जांच करने के बाद विद्यार्थियों को मिले अंक की सूचना स्कूल द्वारा उसी दिन अपलोड कर दी जाएगी.
7.यह परीक्षा मार्च-अप्रैल 2022 में बोर्ड द्वारा तय परीक्षा केन्द्रों पर होगी. परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी और उसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्न (लघु, विस्तृत आदि) शामिल होंगे.
8.सीबीएसई आंतरिक मूल्यांकन एवं प्रोजेक्ट असाइंमेंट पर भी विशेष ध्यान देगी.
9.अगर हालात ऐसी परीक्षा कराने योग्य नहीं होते हैं तो दूसरे टर्म के अंत में भी एमसीक्यू आधारित परीक्षा करायी जाएगी.
10.पाठ्य्रकम को दो हिस्सों में बांटे जाने के आधार पर प्रत्येक टर्म के अंत में बोर्ड परीक्षाएं कराएगा. शिक्षण सत्र के अंत में बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराने की संभावनाओं को बढ़ाने के लक्ष्य से ऐसा किया गया है.

सीबीएसई ने आधिकारिक बयान में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को 50-50 प्रतिशत सिलेबस के हिसाब से दो भागों में विभाजित का निर्णय विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए लिया गया है. इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा भी की गई. इसके बाद एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते किया गया जिसके आधार पर ही इसे दो अलग अलग अवधियों में विभाजित किया जा रहा है. बोर्ड प्रत्येक सत्र के अंत में इस विभाजित पाठ्यक्रमों के आधार पर परीक्षा लेगा.

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