विशेष: उत्तराखंड कांग्रेस की नई टीम में सीएम चेहरे को लेकर अभी भी हरीश-प्रीतम की टीस बरकरार

कांग्रेस हाईकमान ने पिछले दिनों उत्तराखंड में भले ही पार्टी की नई टीम तैयार कर दी हो लेकिन नेताओं के ‘अरमान’ अभी भी बाहर निकल कर आ रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस संगठन में बदलाव के बाद अब ‘चेहरे’ को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है. बता दें कि राज्य कांग्रेस में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम के चेहरे को लेकर खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है.

आज बात करेंगे उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए प्रीतम सिंह और विधानसभा चुनाव कराने की कमान संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की. दोनों नेताओं के बीच अभी भी सीएम के चेहरे को लेकर ‘टीस’ सामने आ जाती है. सोमवार को प्रीतम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. उसके बाद प्रीतम सिंह की जिज्ञासाएं एक बार फिर प्रकट हो गईं. ‌

‘हरीश रावत के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जारी खींचतान के बीच नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सीएम बनने के लिए क्या मेरा चेहरा बुरा हैै’? इसके साथ प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है सब ‘आल इज वैल’ है. ‘प्रीतम ने फिर दोहराया कि विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे. चुनाव के बाद ही हाईकमान और विधायक दल आगे फैसला लेंगे.

नई भूमिका में प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी नाराजगी की बात पूरी तरह गलत है, पार्टी में सभी एकजुट हैंं’. 28 जुलाई को प्रदेश प्रभारी की ओर से बुलाई गई नई गठित समितियों की बैठक के बारे में उन्हें सूचना नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रभारी की ओर से संशोधित चिट्ठी जारी की गई है. वहीं दूसरी ओर ‘सीएम हरीश रावत ने भी अपना स्टैंड साफ कर दिया.

मीडिया ने पूछा कि क्या यह माना जाए कि हम उत्तराखंड में कांग्रेस के सीएम के चेहरे से बात कर रहे हैं? रावत ने जवाब दिया कि, आप यह मान सकते हैं कि जिस व्यक्ति से बात कर रहे हैं, जो यह सुनिश्चित करेगा कि वर्ष 2022 में जो सीएम बने वो कांग्रेस का चेहरा हो. समय की जरूरत है कि हम एकजुट होकर लड़ें’. दूसरी ओर कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी.

वहीं पिछले दिनों पिथौरागढ़ के धारचूला के विधायक हरीश धामी का कहना है कि विधानसभा चुनाव हरीश रावत के ही नेतृत्व में लड़े जाएंगे और उनके लिए वो कुछ भी करने को तैयार हैं तो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चुनाव सामूहिक तौर पर लड़ने की बात कह रहे हैं. हरीश धामी ने कहा है कि सभी कार्यकारी अध्यक्ष को चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव लड़वाने का कार्य करना चाहिए. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि पिछले चुनाव में चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष विजय बहुगुणा थे जिन्हें चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था.

धामी के अनुसार हरीश रावत के अगले चुनाव में पार्टी के चेहरा होंगे, लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह का दावा है कि, केंद्रीय हाईकमान ने साफ कहा है चुनाव सामूहिक ही लड़ा जाएगा, किसी चेहरे पर नहीं. आपको बता दें कि उत्तराखंड में 23 से 27 अगस्त के बीच में चलने वाले मानसून सत्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के लिए खास रहेगा. राज्य विधानसभा में सत्र के दौरान धामी और प्रीतम सिंह एक दूसरे के सामने होंगे. नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभालने के बाद प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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