बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को विधानसभा में अलग अंदाज में दिखे. उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को खरी खोटी सुनाई और काफी आक्रमक अंदाज में उनके आरोपों का जवाब दिया.
उनसे पहले तेजस्वी ने विधानसभा में ही मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे. तेजस्वी पर भड़कते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि भाई समान दोस्त का बेटा है, इसलिए हम सुनते रहते हैं.
नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘1991 में इन पर (नीतीश) मर्डर का मुकदमा चला. 2008-09 में कैसे इस फैसले को टाला गया, सब जानते हैं.
2020 में कैसे उस केस को खत्म किया गया, बिना जांच के, सब जानते हैं. आपने कभी सुना कि किसी मुख्यमंत्री ने जुर्माना दिया हो.
जेएनयू के स्टूडेंट का कंटेंट चोरी किया गया और उसमें नीतीश कुमार को सजा हुई और 25,000 रुपए का जुर्माना दिया.’
इसके बाद तेजस्वी पर भड़कते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ये झूठ बोल रहा है. इस पर कार्रवाई होगी. मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है, इसलिए चुप सुनते रहते हैं. हम कुछ नही बोलते हैं. इसके पिता को विधायक दल का नेता किसने बनाया था, इसको डिप्टी चीफ मिनिस्टर किसने बनाया था. हम बर्दाश्त करते रहते हैं, कुछ नहीं बोलते. आज चार्जशीटर है.
वहीं नीतीश कुमार द्वारा हाल में विधानसभा चुनाव के दौरान लालू प्रसाद पर किए गए हमलों का जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री को जानकारी होगी कि मेरे माता-पिता की सबसे छोटी संतान लड़की है जिसका जन्म दो बेटों के बाद हुआ.
अब हम इस तथ्य पर आते हैं कि मुख्यमंत्री को केवल एक बेटा है. हम उनकी ही बात को लेते हैं और कहते हैं कि उन्होंने इस डर से दूसरी संतान पैदा नहीं की कि वह लड़की हो सकती है.’
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कुछ लोग बच्चों की गिनती कर रहे थे. एक क्लिप में सीएम को यह कहते हुए सुना गया था- ‘बेटे की चाह में बिटिया पैदा करते रहे.’ जवाब में, मैंने कहा कि मेरी बहनों को राजनीति में खींचना सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री के लिए अनुरूप नहीं है.
लोग यहां तक कहते हैं कि आपने (सीएम) इस डर से दूसरा बच्चा नहीं किया कि वह लड़की हो सकती है. लेकिन मैंने चुनाव के दौरान यह नहीं कहा. मैंने उन्हें सिर्फ याद दिलाया कि मेरे माता-पिता की सबसे छोटी संतान एक लड़की है.