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सशस्त्र बलों को देश में बने हथियार सौंप दिवंगत सीडीएस रावत को डीआरडीओ ने दी श्रद्धांजलि

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने मंगलवार को दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की. डीआरडीओ ने स्वदेश निर्मित हथियारों को सशस्त्र बलों को सौंप दिवंगत जनरल को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

‘अमृत महोत्सव’ के तहत सप्ताह भर चलने वाले अपने उत्सव में डीआरडीओ ने ‘प्रिपेयरिंग ऑफर फ्यूचर’ नाम से सेमिनार का आयोजन किया. इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेना के प्रमुख एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. गत बुधवार को हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस रावत का निधन हो गया.

इस मौके पर डीआरडीओ के डीजी डॉक्टर उपेंद्र कुमार ने जनरल रावत की बात को याद करते हुए कहा कि दिवंगत सीडीएस ने उनसे एक बार कहा था कि अगला युद्ध स्वदेश निर्मित हथियारों से लड़ा जाएगा.

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को सशस्त्र सेनाओं को सौंपा. सिंह ने तीनों सेनाओं को काउंटर ड्रोन सिस्टम, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, मॉड्यूलर ब्रिज सिस्टम एवं एडवांस्ड चैफ टेक्नॉलजी सौंपे.

डीआरडीओ के चेयरमैन एवं सचिव, आरएंडडी, डॉक्टर रेड्डी ने कहा, ‘स्वदेश निर्मित हाई एल्टीट्यूड लॉंग एंडुरेंस (HALE) यूएवी का विकास जारी है और इसने आज एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है. यह 25,000 फीट की ऊंचाई पार कर गया है. अगले कुछ सप्ताह में यह 30,000 फीट की ऊंचाई छू लेगा. हम इसके और परीक्षण करने जा रहे हैं.’

अभी देश में पारंपरिक रूप से जो एयर डिफेंस प्रणाली मौजूद है, वह छोटे और कम ऊंचाई एवं धीमी गति से उड़ने वाले ड्रोन को पकड़ने में कामयाब नहीं है.

इसे देखते हुए डीआरडीओ ने अपना एक काउंटर ड्रोन सिस्टम तैयार किया है. वहीं, स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन कम वजन का, हवा से प्रक्षेपित होने वाला एयर टू सरफेस बम है. इसकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर है.

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