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तालिबान के शीर्ष नेताओं में आंतरिक घमासान से फिर नहीं हो सका सरकार का गठन

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तालिबान के शीर्ष नेता

पिछले कुछ दिनों से तालिबानी नेताओं के सरकार के गठन को लेकर रोज ‘एलान’ हो रहे हैं लेकिन हर बार यह आगे ‘टल’ जाता है. अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुए करीब 15 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन अभी तक यह सरकार नहीं बना पाया है.

‘शनिवार को एक बार फिर तालिबानी नेताओं ने बयान जारी करके कहा कि सरकार का गठन अब अगले हफ्ते में कर लिया जाएगा’. ऐसी चर्चा है कि ‘सरकार के गठन को लेकर तालिबानी शीर्ष नेताओं में आंतरिक घमासान मचा हुआ है’. जिसकी वजह से सरकार के बनाने में देरी हो रही है. ‌इससे पहले शुक्रवार को नई अफगान सरकार के गठन की अटकलें लगाई गई थीं जो बाद में टल गई.

‘वहीं राजधानी काबुल में महिलाओं ने आज सरकार में अपनी भागीदारी को लेकर सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे गुस्साए तालिबान की सेना ने महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़कर बल प्रयोग किया’.

‘दुनिया यह भी जानने को उत्सुक है कि सरकार में सर्वोच्च नेता की कमान कौन संभालेगा? हालांकि अभी तालिबानी सरकार में किस नेता को क्या पद मिलेगा, खुलासा नहीं किया गया है लेकिन अटकले लगाई जा रही है कि ईरान की तर्ज पर सरकार बनाई जाएगी, जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे.

वहीं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को राष्ट्रपति का पद मिल सकता है’. सरकार के गठन को लेकर राजधानी काबुल में तालिबानी कट्टरपंथी नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. भले ही यह कट्टरपंथी संगठन अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने जा रहा है लेकिन अभी भी पंजशीर इसकी गले की ‘फांस’ बना हुआ है. तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और अब पूरे अफगानिस्तान पर उसका कब्जा हो गया है.

‘वहीं अमरुल्लाह सालेह लगातार तालिबानी दावों को खारिज कर नॉर्दर्न अलांयस की जीत की बात कर रहे हैं. सरकार गठन के बाद तालिबान के आगे पंजशीर जैसी कई बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं’. देश की अर्थव्यवस्था तेजी से नीचे जा रही है.

अफगानिस्तान के कई इलाकों में खाद्यान्न और दवाइयों की कमी होने से सैकड़ों लोगों की मौत भी हो गई है. इसी को देखते हुए शुक्रवार को यूनाइटेड स्टेट अमीरात (यूएई) ने प्लेन से राहत सामग्री की पहली खेप भेजी है . विश्व में यूएई पहला देश है जिसने अफगानिस्तान को खाद्य सामग्री मुहैया कराई है.

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