ब्राउन राइस खाने से वजन कैसे रहता है कंट्रोल, जानें दोनों तरह के चावल में क्या है अंतर

अपनी फिटनेस पर ध्यान देने वाले लोग चावल खाने से परहेज करते हैं क्योंकि चावल खाने से न सिर्फ शरीर का फैट बढ़ता है बल्कि इससे बार-बार भूख भी लगती है लेकिन अगर आप ब्राउन राइस खा रहे हैं, तो वजन बढ़ने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। ज्यादातर लोगों को ब्राउन और वाइट राइस में अंतर नहीं पता होता। आइए, जानते हैं ब्राउन राइस आखिर क्या है और इसके क्या-क्या फायदे हैं- 

ब्राउन राइस और वाइट राइस में क्या अंतर है? 
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ब्राउन राइस और सफेद चावल में क्या अंतर है। दरअसल, ब्राउन राइस का भूसा नहीं उतारा जाता, जिससे इसके पोषक तत्व साबुत अनाज जितने ही रहते हैं। सफेद चावल का भूसा उतार कर उसे प्रोसेसिंग करके सफेद पॉलिश युक्त कर दिया जाता है। इस प्रोसेसिंग के दौरान चावल में मौजूद कई पोषक तत्व कम हो जाते हैं। हालांकि, ब्राउन राइस को इसके स्वाद, पकने में ज्यादा समय लेने और ज्यादा समय तक न रख पाने की वजह से भारत में अकसर लोग इसे लेना पसंद नहीं करते, लेकिन अब बेहतर तकनीक की मदद से ब्राउन राइस को ज्यादा समय तक रखा जा सकता है। इसका स्वाद भी अब काफी लोगों को पसंद आने लगा है।

ब्राउन राइस में भी नॉन बासमती फायदेमंद है। इसके दाने का आकार छोटा और जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) कम होता है।

नॉन बासमती ब्राउन राइस के फायदे
सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस के कई फायदे हैं। ब्राउन राइस में विटामिन, कुछ खनिज, लिगनान और फाइटो कैमिकल व एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर पोषक तत्व होते हैं। इनमें विटामिन ई, सिलेनियम, मैंगनीज होता है। इसे नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ब्राउन राइस, साबुत अनाज के सबसे बेहतरीन रूपों में से एक है। इसमें शरीर के ऑक्सीडेटिव तनाव और बीमारियों को रोकने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। 

ब्राउन राइस के मुख्य फायदे 
मोटापा कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
हड्डियों में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करता है।
पेट संबंधी विकारों से बचाव में मददगार साबित होता है।
जीआई कम होने के कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है।
ज्यादा फाइबर से पेट जल्दी भर जाता है।
एंटी ऑक्सीडेंट से तनाव और बीमारियां रोकने में मदद मिलती है।

ब्राउन राइस खाने से कैसे दूर रहता है मोटापा 
नॉन बासमती ब्राउन राइस में जीआई की मात्रा भी कम होती है। जब खाना पाचन तंत्र में जाता है तो ये कार्बोहाइड्रेट्स शूगर में टूट जाते हैं और रक्त में शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं। ये गतिविधियां कितनी तेजी से होती हैं, इसका माप जीआई द्वारा किया जाता है। जीआई कम होने से खाना पाचन तंत्र में धीरे-धीरे टूटता है, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे वजन बढ़ने जैसी समस्याएं कम होती हैं और मोटापा न बढ़ने से जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियां कम होती हैं। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए ब्राउन राइस खाना बेहद फायदेमंद है।

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