अमेरिकी मध्यस्थता में बनी इज़राइल–ईरान सीज़फायर के दूसरे दिन ईरानी न्यायपालिका ने तीन पुरुषों को इजरायली जासूसी में संलिप्त पाए जाने पर फांसी दी। इनकी पहचान इदरीस अली, आज़ाद शोज़ई और रसूल अहमद रसूल के रूप में हुई, जिन्हें देश के उत्तर-पश्चिमी शहर उरमिया की जेल में मारा गया । कोर्ट का दावा है कि आरोपियों ने हत्या के उपकरण देश में लाने का प्रयास किया था ।
साथ ही, ईरानी बॉर्डर से जुड़ी सरकारी मीडिया ने स्पष्ट किया कि लगभग 700 लोग इज़राइल से कथित संबंधों और मोसाद नेटवर्क से जुड़ने के संदेह में नज़रबंद किये गए । ईरानी अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई उनके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और विदेशी जासूसी नेटवर्क को समाप्त करने की दिशा में है ।
इस बीच, U.S.-ब्रोकेड सीज़फायर 12 दिनों के तनावपूर्ण संघर्ष के बाद प्रभावी दिखाई दे रहा है, लेकिन इस कार्रवाई से पता चलता है कि ईरान ने देश के अंदर संवेदनशील कार्यों पर निगरानी तेज कर दी है । वैश्विक राजनीतिक विश्लेषक इस दबावपूर्ण वातावरण में स्थिरता की संभावनाओं पर संदेह जता रहे हैं।