मध्य-पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। इज़राइल की विशेष सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ में ईरान के तीन सबसे ताकतवर नेताओं की मौत हो गई है। इस ऑपरेशन को गुप्त रूप से अंजाम दिया गया और इसे इज़राइली खुफिया एजेंसी मोसाद तथा सेना के विशेष बलों द्वारा मिलकर संचालित किया गया।
सूत्रों के अनुसार मारे गए तीनों नेता ईरान की सुरक्षा नीति, विदेश संबंध और गुप्त सैन्य अभियानों के मुख्य रणनीतिकार थे। इनमें एक ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ जनरल, दूसरा विदेशी अभियानों के इंचार्ज और तीसरा ईरान की गुप्तचर एजेंसी का शीर्ष अधिकारी बताया जा रहा है।
इस हमले के बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे युद्ध की कार्यवाही करार दिया है और चेतावनी दी है कि इसका बदला लिया जाएगा। उधर, इज़राइल ने भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है और अपनी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना क्षेत्रीय भू-राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकती है और आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। अब सबकी निगाहें ईरान की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।