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पिथौरागढ़: पहाड़ी रास्तों पर 15 घंटे कंधे पर उठाकर घायल महिला को अस्पताल ले गए आईटीबीपी जवान

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भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के हिमवीर अपने हिम्मत और साहस के लिए जाने जाते हैं. लेकिन कई बार ऐसा मामला देखने को मिलता है कि जिस सीमावर्ती इलाकों में इनकी तैनाती होती है, उस इलाके में रहने वालों के लिए यह जवान किसी वरदान से कम नहीं होते.

उत्तराखंड के पहाड़ों पर ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है. आईटीबीपी के जवानों ने एक घायल महिला को 40 किलोमीटर अपने कंधों पर उठाकर रेस्क्यू किया, 15 घंटे चलकर उसे सड़क मार्ग तक पहुंचाया. ग्रामीणों ने इसके लिए सीमाओं के इन प्रहरियों का दिल खोलकर शुक्रिया अदा किया.

मिली जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ जिले की अग्रिम चौकी के नजदीक सीमांत लास्पा गांव में एक स्थानीय महिला पहाड़ से गिरकर घायल हो गई थी. आईटीबीपी के जवानों ने घायल महिला को लगभग 40 किलोमीटर फिसलन, उफनते नालों, भूस्खलन और खतरों से भरे मार्ग पर पैदल चलकर मोटर मार्ग तक पहुंचाया. जहां से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

बीते 20 अगस्त को यह महिला अपने घर से कुछ दूर अचानक एक पहाड़ी से नीचे गिर गई थी. इस हादसे में उसका पैर टूट गया और उसकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई थी. खराब मौसम होने की वजह से हेलीकॉप्टर देहरादून से बरेली तक ही आ सका. आईटीबीपी के जवानों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय मिलम से पीड़ित महिला को मुनस्यारी मोटर मार्ग तक पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दीं.

जवानों ने घायल महिला को स्ट्रेचर की मदद से अपने कंधों पर 22 अगस्त को देर रात तक मुंसियारी मोटर मार्ग तक पहुंचाया. जहां से उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. इलाज के बाद महिला की स्थिति अब स्थिर है.

इस अभियान में आईटीबीपी के 25 जवानों ने लगातार पहाड़ी ढलानों और उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते हुए घायल महिला को स्ट्रेचर के सहारे सुरक्षित सड़क मार्ग तक पहुंचाया. बरसात के चलते मोटर मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने से वाहनों के चलने योग्य सड़क मार्ग तक पहुंचाने में जवानों को दिन भर से ज्यादा का समय लग गया.

पहले यह जवान अपनी चौकी से 22 किलोमीटर दूर पैदल चलकर लास्पा गांव पहुंचे और फिर स्ट्रेचर में महिला को उठाकर देर शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी पहुंचे जहां उसका इलाज संभव हो सका.

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