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पश्चिम बंगाल: सियासी पारा उफान पर, पीएम मोदी की मेगा रैली में शामिल होंगे मिथुन ‘दा!

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मिथुन चक्रवर्ती

कोलकाता| पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा उफान पर है. राज्‍य में सत्‍तारूढ़ ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस जहां एक बार वापसी को लेकर जोर लगा रही है, वहीं बीजेपी का सारा जोर यहां टीएमसी को सत्‍ता से बेदखल करने पर है.

इसके लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पार्टी के कई दिग्‍गज यहां चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. इसी क्रम में रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होने जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह रैली कई मायनों में खास होगी, जो कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर आयोजित की जाएगी. इस रैली में बॉलीवुड के दिग्‍गज अभिनेता मिथुन चक्रवतर्री भी शामिल होंगे.

बीजेपी के राष्‍ट्रीय महासच‍िव और पश्चिम बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गी ने इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही स्‍पष्‍ट हो गया कि मिथुन चक्रवर्ती पीएम मोदी की इसी मेगा रैली में बीजेपी का दामन थामेंगे.

इसके साथ ही उन अटकलों पर भी विराम लग गया, जिनमें मिथुन के सियासी कदम को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही थीं, लेकिन इसे लेकर कोई स्‍पष्‍ट जानकारी सामने नहीं आ रही थी. कैलाश विजयवर्गीय ने 6 मार्च (शनिवार) को कोलकाता के बेलगाछिया इलाके में मिथुन चक्रवर्ती के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी, जिसकी कई तस्‍वीरें भी सामने आई हैं.

इससे पहले शनिवार को ही कैलाश विजयवर्गी ने कहा था कि उनकी फोन पर मिथुन चक्रवती से बात हुई है और वह कोलकाता पहुंचने वाले हैं. मिथुन चक्रवर्ती के बीजेपी से जुड़ने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा था कि उनसे (मिथुन) मुलाकात के बाद ही वह इस बारे में कुछ भी कह सकेंगे.

यहां उल्‍लेखनीय है कि बीते कुछ समय में पश्चिम बंगाल की सियासत में कई नामचीन चेहरों ने बीजेपी का दामन थामा है. मिथुन चक्रवर्ती के बीजेपी से जुड़ने की अटकलों को उस वक्‍त बल मिला था, जब गत 16 फरवरी को राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मुंबई में उनसे मुलाकात की थी. हालांकि मिथुन ने तब इसे महज ‘आध्‍यात्मिक’ मुलाकात बताया था.

बंगाल की सियासत में मिथुन के बीजेपी से जुड़ने को काफी अहम माना जा रहा है. मिथुन इससे पहले राज्‍यसभा के सदस्‍य रह चुके हैं और वह बंगाल में सत्‍तारूढ़ टीएमसी से राज्‍यसभा के लिए चुने गए थे. हालांकि सदन से उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठे तो उन्‍होंने खुद ही राज्‍यसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था. अब बीजेपी उनके जुड़ाव को खासा अहम समझा जा रहा है.

बंगाल में बीजेपी को अब भी एक दमदार चेहरे की दरकार है और मिथुन के रूप में इसकी भरपाई को लेकर भी कई अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि इन सबका बंगाल चुनाव के नतीजों पर क्‍या असर होगा, इसका पता तो 2 मई को ही चल पाएगा, जब वोटों की गिनती होगी और परिणाम घोषित होंगे.

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