Home उत्‍तराखंड मथुरा एक्सप्रेसवे पर उत्तराखंड का लाल सचिन कण्डवाल शहीद

मथुरा एक्सप्रेसवे पर उत्तराखंड का लाल सचिन कण्डवाल शहीद

0

बुधवार को मथुरा एक्सप्रेसवे पर हुई सड़क दुर्घटना में उत्तराखंड का लाल सचिन कण्डवाल शहीद हो गए है. इस दुखद घटना से कण्डवाल गांव में मातम पसरा हुआ है. शहीद के परिजन सदमे में हैं.शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार को दून पहुंच गया. जिसके बाद हरिद्वार में उनकी अंत्येष्टी की जाएगी. 

बता दें की शहीद मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ में कण्डवाल गांव के रहने वाले थे. गांव वालों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हमेशा मुस्कुराते रहने वाला गांव का होनहार सचिन अब उनके बीच नहीं रहा. 

शहीद सचिन का परिवार वर्तमान में देहरादून में रहता है, लेकिन गांव में उनके परिवार का आना-जाना लगा रहता है. सचिन के चचेरे भाई संदीप ने बताया कि सचिन इसी महीने की शुरुआत में छुट्टी पर देहरादून आए थे. उनकी पोस्टिंग 55 बंगाल इंजीनियरिंग रेजिमेंट में थी. उनकी यूनिट इन दिनों गलवान घाटी में तैनात है.

बताया कि सचिन को 25 जुलाई को ड्यूटी पर जाना था, लेकिन 16 जुलाई को ही यूनिट से बुलावा आ गया था. बुधवार सुबह इलाहाबाद से वह अपने गंतव्य को रवाना हुए थे कि मथुरा एक्सप्रेस वे पर गलत दिशा से आ रहे डंपर ने उनके वाहन को टक्कर मार दी. इस दुर्घटना में सचिन कण्डवाल शहीद हो गए. सचिन ने मंगलवार रात को अपने पिता मधुप्रसाद तथा माता रजनी देवी से फोन पर बातचीत की थी.

सचिन के छोटे भाई सौरभ कण्डवाल 22 गढ़वाल रेजिमेंट में कारगिल में तैनात हैं और छोटी बहन रोजी कण्डवाल नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है. पिछले साल सचिन अपनी सगाई पर गांव आए थे और अब परिवार के लोग शादी की तैयारियों में लगे हुए थे. लेकिन इस अनहोनी ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया है.

गांव की प्रधान पिंकी देवी ने बताया कि घटना की खबर मिलने के बाद से ही गांव में शोक की लहर है. गांव में रह रहे उनके परिजन और करीबी रिश्तेदार इस दर्दनाक हादसे के बाद बुधवार को देहरादून के लिए चले गए हैं.

ब्लॉक प्रमुख यशपाल नेगी, भाजपा जिला मंत्री दलीप सिंह नेगी, मंडल अध्यक्ष एम एन चंदोला, रामेश्वर देवली, पूर्व क्षेपंस उर्मिला रावत, डा. हरपाल नेगी समेत कई प्रबुद्धजनों ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है.

सचिन ने राजकीय इंटर कॉलेज नारायणबगड़ से इंटरमीडिएट किया था. शुरू से ही मेधावी रहे सचिन ने इंटर 75 फीसद से अधिक अंकों के साथ पास किया था. विकल्प तमाम थे, पर मन में ख्वाहिश सैन्य वर्दी की थी. वर्ष 2015 में वह फौज में भर्ती हुए थे. 

सचिन की बीते साल दिसंबर में सगाई हुई थी. परिवार विजयदशमी पर उनकी शादी करने की तैयारी में जुटा था. पर तकदीर ने ऐसा मुंह फेरा कि जिसे सेहरा पहने देखने की ख्वाहिश थी वह अब तिरंगे में लिपटा आएगा.

सचिन का परिवार उत्तराखंड की सैन्य परंपरा की जीती जागती मिसाल है. उनके ताऊ भरत प्रसाद कण्डवाल व बल्लभ प्रसाद कण्डवाल भी फौज से हवलदार पद से रिटायर हैं. भरत के दो बेटे सतीश व संदीप फौज में हैं. जबकि बल्लभ प्रसाद का बेटा तिलक फौज में है. संदीप का छोटा भाई भी फौज में है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version