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ईएमआई पर छूट के बाद एसबीआई जल्द शुरू करेगा नई स्कीम, जानिए सब कुछ

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सांकेतिक फोटो

मुंबई| भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) अपने सभी रिटेल लोन की रिस्‍ट्रक्‍चरिंग के लिए डिजिटल प्‍लेटफॉर्म शुरू करने वाला है. एक अंंग्रेजी के बिजनेस अखबार की खबर के मुताबिक, इस पोर्टल के जरिये ग्राहक लोन की रिस्‍ट्रक्‍चरिंग के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसमें रीस्‍ट्रक्‍चरिंग के लिए पात्रता को भी देखा जा सकेगा.

इस पोर्टल के 24 सितंबर तक शुरू हो जाने की उम्‍मीद है. इसमें सुझाव दिए जाएंगे. ग्राहक जान पाएंगे कि वे इसके लिए पात्र हैं या नहीं.

यह अवधि 6 महीने से लेकर 2 साल तक हो सकती है. एसबीआई के ग्राहकों की संख्‍या दो करोड़ है.

यह देश का सबसे बड़ा बैंक है. हालांकि, बैंक कॉरपोरेट और एमएसएमई ग्राहकों से लोन रीस्‍ट्रक्‍चरिंग के आवेदन ब्रांचों से स्‍वीकार करना जारी रखेगा.

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, हमारे 30 लाख होम लोन कस्‍टमर हैं. अगर कोई पात्रता को चेक करना चाहता है तो यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा. हम इस प्रक्रिया को मैनुअली नहीं कर सकते हैं.

उन्‍होंने बताया, सिस्‍टम आपकी मौजूदा इनकम और अगले कुछ महीनों में अपेक्षित इनकम को चेक करेगा. इसके आधार पर वह 12 महीने से दो साल तक के मोरेटोरियम का सुझाव देगा. हमारी योजना इसे 22-24 सितंबर तक शुरू करने की है.

रिस्‍ट्रक्‍चरिंग में लोन के रीपेमेंट की अवधि बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा बैंक तय शर्तों के तहत ब्‍याज देनदारी की फ्रीक्‍वेंसी में बदलाव कर सकते हैं. यह हर एक मामले में अलग हो सकता है.

रीस्‍ट्रक्‍चरिंग का विकल्‍प बिल्‍कुल अंत में चुना जाता है. ऐसा तब किया जाता जब कर्ज लेने वाले की ओर से डिफॉल्‍ट का जोखिम होता है.

कोरोना की महामारी ने कई लोगों के सामने ऐसी ही स्थितियों को खड़ा कर दिया है. इससे लोगों की कर्ज अदायगी की क्षमता पर असर पड़ा है.

जून के अंत तक बैंक की लोन बुक का दसवां हिस्‍सा मोरेटोरियम के तहत था. मई की तुलना में इसमें 21.8 फीसदी की कमी आई है. रिटेल सेगमेंट में करीब 90 लाख कस्‍टमर ने मोरेटोरियम लिया है.

इससे 6.5 लाख करोड़ रुपये की रकम जुड़ी है. बैंकिंग सेक्‍टर पर नजर रखने वाले विश्‍लेषकों का अनुमान है कि रीस्‍ट्रक्‍चरिंग के लिए काफी मांग आने वाली है.

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