उत्तराखंड में 2 अगस्त से इस नियम के तहत चलेंगे स्कूल, पढ़े पूरी गाइडलाइन

सोमवार 2 अगस्त से उत्तराखंड में स्कूल खुलने जा रहे है. इस संबंध में शिक्षा सचिव राधिका झा की ओर से आदेश जारी किया गया है. आदेश में कहा गया है कि ऐसे स्कूल जिनमें छात्र संख्या अधिक हैं और भौतिक रूप से बच्चों को एक साथ पढ़ाना कोविड प्रोटोकाल के तहत संभव न हो. उन स्कूलों के प्रबंधक बच्चों को दो पालियों में पढ़ा सकते हैं. प्रदेश में अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को सोमवार से दो पालियों में चलाया जाएगा.

शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एक पाली में सम और दूसरी पाली में विषम अनुक्रमांक वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल बुलाया जा सकता है. स्कूल खुलने पर किसी भी छात्र को स्कूल में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, बच्चों को स्कूल बुलाने से पहले उनके अभिभावकों की सहमति ली जाएगी.

स्कूल खुलने के दौरान सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा,यदि कोई छात्र बिना मास्क के स्कूल आते हैं तो स्कूल ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए मास्क की व्यवस्था करेंगे.

शिक्षा सचिव की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि एक से पांचवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी. इसके लिए शिक्षक, अभिभावकों एवं आस पड़ोस में उपलब्ध पारिवारिक सदस्यों के स्मार्ट फोन या अन्य उपकरणों की उपलब्धता के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई के लिए समय तय कर सकते हैं.

जिन बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं है उनके लिए ऑफलाइन पढ़ाई सामग्री की उपलब्धता घर पर हो इसके लिए स्कूल स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी. ताकि कोई भी छात्र-छात्रा पढ़ाई से वंचित न हो. अभिभावक या स्कूल कर्मचारियों के माध्यम से बच्चों को पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.  

इस नियम के तहत चलेंगे स्कूल 
-सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए बच्चों को सुबह स्कूल में प्रवेश और छुट्टी के समय एक साथ नहीं छोड़ा जाएगा.
-ऐसे स्कूल जो बच्चों के घर से स्कूल आने एवं वापस घर पहुंचाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराते हैं, उन्हें वाहन में सामाजिक दूरी का पालन कराना होगा. 
-हर दिन वाहन को सैनिटाइज करना होगा.
-स्कूलों में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, संगीत, सांस्कृति कार्यक्रम एवं अन्य सामूहिक गतिविधयां जिनसे कोविड का खतरा हो सकता है अगले आदेश तक नहीं होंगी
 -स्कूल प्रबंधन की ओर से स्कूल खुलने के बावजूद बच्चों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस नहीं ली जाएगी.
-बच्चों को अगले आदेशों तक पका हुआ भोजन भी नहीं दिया जाएगा. 

स्कूलों को आंतरिक एसओपी करनी होगी तैयार 
शिक्षा सचिव राधिका झा ने प्रत्येक विद्यालय जिसमें निजी विद्यालय भी शामिल हैं. उन्हें आंतरिक एसओपी तैयार करनी होगी. जिसके अनुसार स्कूल का संचालन किया जाएगा. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अगली बैठक में निजी स्कूल शत प्रतिशत प्रतिभाग करें. शिक्षा सचिव ने निर्देश दिए कि बोर्डिंग एवं डे-बोर्डिंग स्कूलों में आवासीय परिसर में निवास करने वाले छात्र-छात्राओं एवं स्कूल स्टाफ को अधिकतम 48 घंटे पहले आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी जरूरी होगी. इसके बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. 

शिक्षकों और कर्मचारियों का कराना होगा वैक्सीनेशन 
बोर्डिंग एवं डे बोर्डिंग स्कूलों के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक, कर्मचारी, मैट्रन, आवासीय परिसर के समस्त स्टाफ एवं स्कूल में अन्य सेवाओं से जुड़े हुए समस्त कर्मचारियों की वैक्सीनेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. यदि किसी का वैक्सीनेशन न हुआ हो तो संबंधित स्कूल प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य स्वास्थ्य विभाग को ऐसे शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराएंगे. शिक्षा सचिव ने डेंगू के खतरे को देखते हुए स्कूल में छात्र को फुल बाजू की पेंट, शर्ट एवं छात्राओं को सलवार कमीज पहनकर स्कूल आने के निर्देश दिए हैं. 

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