सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने कहा कि अब पैरा-लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) मतदाताओं की मदद करेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित न रह सके। यह वॉलंटियर्स विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में मतदाताओं को जागरूक करेंगे और आवश्यक कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नामांकन प्रक्रिया तक उम्मीदवारों के खिलाफ उठाई गई आपत्तियों पर विचार किया जाएगा। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना और गलत जानकारी या अपात्र उम्मीदवारों को समय रहते रोकना है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि निर्वाचन आयोग को आपत्तियों के निस्तारण के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया तैयार करनी होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मतदाताओं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे एक ओर जहां नागरिकों की भागीदारी बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर चुनावी गड़बड़ियों पर भी अंकुश लगेगा।
सीनियर वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगा तथा निष्पक्ष चुनाव की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।