अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वर्क वीजा आवेदनकर्ताओं पर $100,000 की नई फीस लगाने की घोषणा की है, जो 21 सितंबर 2025 से लागू होगी।
हालाँकि, व्हाइट हाउस ने शीघ्र ही स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए आवेदनकर्ताओं (new applicants) पर लागू होगा, मौजूदा H-1B वीजा होल्डर्स, वीजा नवीकरण (renewals) या मौजूदा वीजा धारकों की पुनः प्रवेश (re-entry) पर यह फीस नहीं लगेगी।
भारत सरकार ने इस कदम को ‘मानव-हृदयित परेशानियाँ’ उत्पन्न कर सकता है कि परिवारों को प्रभावित किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें इस नई नीति के वैश्विक व आर्थिक प्रभावों का गहराई से विश्लेषण करना होगा।
टेक उद्योग, विशेषकर भारतीय इंजीनियर और डेवलपर्स, इस बदलाव से विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि अधिकांश H-1B वीजा धारक भारत से हैं। कंपनियों को अब नई भर्ती पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है और कई संभावित वीजा चाहने वालों को अमेरिका ले जाने की प्रक्रिया महँगी हो सकती है।