अमेरिकी प्रशासन द्वारा H-1B वीज़ा आवेदनों पर $100,000 वार्षिक शुल्क लगाने की घोषणा के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “I repeat, India has a weak PM”, यानी कि भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार समय रहते इस निर्णय के संभावित प्रभावों को नहीं देख पाई और ना ही विदेश नीति में सक्रियता दिखाई। कांग्रेस के अन्य नेताओं — जैसे कि पवन खेड़ा — ने भी कहा कि मोदी की “रणनीतिक मौनता” और “शोर-शराबा” अब देश के लिए बोझ बन गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारतीय तकनीकी पेशेवरों और आईटी उद्योग को भारी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि H-1B वीज़ाधारकों में बड़ी संख्या भारत से ही है। वहीं सरकार ने अभी तक इस विषय पर सार्वजनिक तरीके से टिप्पणी नहीं की है कि किस तरह से इस बढ़े हुए शुल्क से प्रभावितों की चिंता को दूर किया जाएगा।
यह विवाद विदेशी नीतियों, भारतीय प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और केंद्र सरकार की विदेश नीति की विश्वसनीयता से जुड़े सवाल खड़े करता है।