कर्नाटक के बीजेपी विधायक जनार्दन रेड्डी को हैदराबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने 14 वर्ष पुराने अवैध लौह अयस्क खनन मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने उन्हें सात वर्ष की सश्रम कारावास और प्रत्येक पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया। इस फैसले के बाद, कर्नाटक विधानसभा सचिवालय ने 6 मई 2025 से उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया है। यह अयोग्यता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और 1951 के प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत लागू की गई है।
रेड्डी, जो गंगवती विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, को छह वर्ष की अवधि के लिए अयोग्य ठहराया गया है, जो उनकी रिहाई के बाद लागू होगी, जब तक कि कोई सक्षम न्यायालय उनकी सजा पर स्थगन आदेश नहीं देता।
यह मामला ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (OMC) से जुड़ा है, जिसमें रेड्डी और उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे। इस मामले में अवैध खनन, कर चोरी और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत के आरोप लगे थे। रेड्डी के खिलाफ यह कार्रवाई कर्नाटक के बेल्लारी क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ की गई जांच का हिस्सा है।