कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोर दिया है कि वह संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में अनुच्छेद 15(5) लागू करने के लिए कानून लाए। यह प्रावधान निजी शैक्षणिक संस्थानों में SC, ST और OBC छात्रों के लिए आरक्षण की अनुमति देता है।
जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव और सांसद, ने कहा कि अनुच्छेद 15(5) 2006 में 93वें संविधान संशोधन के तहत जोड़ा गया था। इसके बाद, 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ नहीं पाया। हालांकि, पिछले 11 वर्षों में भाजपा सरकार ने इसे लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इसके अलावा, कांग्रेस ने इस मुद्दे को अपनी 2024 की लोकसभा चुनावी घोषणा पत्र ‘न्याय पत्र’ में प्रमुखता से उठाया। संसद की स्थायी समिति की 364वीं रिपोर्ट में भी इस विषय पर विचार किया गया। पार्टी का कहना है कि अब सरकार को इसे लागू करने के लिए कानून बनाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण होगा। इससे SC, ST और OBC समुदाय के छात्रों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में समान अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, यह शिक्षा के क्षेत्र में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देगा।