मार्क जुकरबर्ग के ‘चीन कनेक्शन’ की जांच शुरू, पूर्व कर्मचारी के दावों से बढ़ा विवाद

​फेसबुक के संस्थापक और मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग पर हाल ही में पूर्व कर्मचारी सारा विन-विलियम्स की पुस्तक ‘केयरलेस पीपल’ में लगाए गए आरोपों के बाद अमेरिकी सीनेट की एक उपसमिति ने जांच शुरू की है। विन-विलियम्स का दावा है कि जुकरबर्ग ने चीनी बाजार में प्रवेश पाने के लिए सेंसरशिप तकनीक विकसित करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास किया, जबकि इन प्रयासों को अमेरिकी सांसदों से छुपाया गया। ​

सीनेटर रॉन जॉनसन, रिचर्ड ब्लूमेंथल और जोश हॉली ने जुकरबर्ग को पत्र लिखकर 2014 से चीनी सरकारी अधिकारियों के साथ हुई कंपनी की संचार और बैठकों के रिकॉर्ड की मांग की है। मेटा को 21 अप्रैल तक इन अनुरोधों का जवाब देना है।

मेटा के प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए हैं, जिसे आठ साल पहले खराब प्रदर्शन के कारण निकाला गया था। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी आज चीन में अपनी सेवाएं संचालित नहीं करती है और 2019 में इन योजनाओं को छोड़ दिया गया था। ​

विन-विलियम्स की पुस्तक में मेटा के कार्य संस्कृति, विशेषकर जुकरबर्ग और पूर्व सीओओ शेरिल सैंडबर्ग के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मेटा ने पुस्तक की रिलीज़ को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की, लेकिन यह पुस्तक बेस्टसेलर सूची में शामिल हो गई है।

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