काशीपुर: कक्षा नौ के छात्र ने शिक्षक पर चलाई गोली, जांच में जुटी पुलिस

काशीपुर (ऊधमसिंह नगर)| काशीपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पिटाई से क्षुब्ध कक्षा नौ के छात्र ने शिक्षक गगनदीप सिंह कोहली को तमंचे से गोली मार दी. उन्हें गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने शिक्षक की तहरीर पर केस दर्ज कर छात्र को संरक्षण में ले लिया है.

कुंडेश्वरी रोड स्थित श्री गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बीते सोमवार को किसी बात पर नौंवी कक्षा के छात्र की भौतिक विज्ञान के शिक्षक गगनदीप सिंह कोहली (40) से कहासुनी हो गई थी. इस पर शिक्षक ने उसकी पिटाई कर दी थी. इस बात को लेकर छात्र आहत था.
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गुस्से में आकर उसने बदला लेने की नीयत से बुधवार को लंच टाइम के दौरान स्कूल परिसर के कक्षा कक्ष नंबर 14 में अवैध तमंचे से शिक्षक पर फायर झोंक दिया. गोली शिक्षक के कंधे में लगी. फायर की आवाज सुनते ही स्कूल में अफरा-तफरी मच गई.

स्कूल प्रबंधन ने गोली मारने वाले छात्र को पकड़कर पुलिस को घटना की सूचना दी. साथ ही घायल शिक्षक को गिरीताल स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया और स्कूल की छुट्टी कर दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्र से पूछताछ की और हमले में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा, कारतूस और टिफिन जिसमें तमंचा रखकर लाया था उसे कब्जे में ले लिया.

श्री गुरुनानक कॉलोनी निवासी शिक्षक गगनदीप सिंह कोहली ने पुलिस में तहरीर दी. बताया कि उन्होंने रोज की तरह बुधवार को सबसे पहले 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाया. इसके बाद वह 9:45 बजे कक्षा नौ में भौतिक विज्ञान विषय पढ़ा रहे थे. कक्षा खत्म होते ही लंच ब्रेक हो गया.

तब बच्चे कक्षा से बाहर लंच करने के लिए निकलने लगे. इसी बीच कुंडेश्वरी पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम गुलराजपुर निवासी कक्षा नौ का छात्र भी टिफिन लेकर निकलने लगा. उसने टिफिन से तमंचा निकालकर अचानक उन पर फायर झोंक दिया. गोली उनके दाएं कंधे पर लगी. बताया कि जब छात्र भागने लगा तब अन्य शिक्षकों ने उसे पकड़ लिया. पुलिस ने तहरीर के आधार पर छात्र के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

आरोपी छात्र ने बताया कि वह तमंचा घर से लंच बॉक्स में रखकर स्कूल लाया था. उसने बीते दिन तमंचा घर की एक अलमारी में रख लिया था. उसने बताया कि शिक्षक उसे आए दिन पीटते थे चाहे उसकी गलती हो या नहीं. उनके इस व्यवहार से वह परेशान था. उसने शिक्षक को सबक सिखाने की ठान ली और घटना को अंजाम दिया. इस दौरान छात्र के चेहरे पर अपनी इस करतूत का कोई मलाल नहीं था. वह फॉरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों के सामने बड़े सहज लहजे में सब कुछ बयां कर रहा था.

स्कूल में कक्षा नौ के एक छात्र ने बताया कि जब उस छात्र ने शिक्षक पर गोली चलाई तब कक्षा कक्ष में 35-36 बच्चे थे. गोली की आवाज सुनते ही कुछ बाहर भाग गए तो कुछ मेज के नीचे छिप गए. इस दौरान स्कूल में अफरातफरी रही, हर कोई यह पूछ रहा था आखिर उसके पास तमंचा कहा से आया.

पुलिस की सूचना पर पहुंची फॉरेंसिक टीम स्कूल परिसर के कक्षा नौ के कक्षा कक्ष नंबर 14 में जाकर छात्र से घटनाक्रम के संबंध में जानकारी जुटाई. इस दौरान टीम ने छात्र से किस तरह से गोली मारी इसका एक रिहर्सल भी कराया. तब छात्र ने बताया कि उसने किस तरह से शिक्षक को तमंचे से फायर झोंका.

परिवार की पृष्ठभूमि बच्चे की परवरिश पर बहुत असर डालती है. परिवार में यदि कोई हथियार है तो उसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए और उनके सामने नहीं निकालना नहीं चाहिए. स्कूल प्रबंधन को भी समय-समय पर बच्चों व शिक्षकों की काउंसलिंग करानी चाहिए. यदि बच्चा शिक्षक की ओर से पीटने की बात कह रहा है तो उसे अपने माता-पिता और स्कूल के प्रधानाचार्य को बतानी चाहिए थी. बहुत से बच्चों को अन्य सहपाठियों के सामने शिक्षक की डांट बर्दाश्त नहीं होती है और अधिक गुस्सा आ जाता है. वह ऐसे में अपने को असहज महसूस करते हैं और कोई भी घातक कदम उठा लेते हैं. – ईश डल्ला, मनोचिकित्सक, रुद्रपुर.

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