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BRICS 2025: ब्रिक्स देशों ने संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूटीओ में सुधार की मांग की

ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील पहुंचे हैं. इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रमुख रूप से संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूटीओ में सुधार की मांग की गई है. ब्रिक्स देशों ने यूएनएससी को अधिक लोकतांत्रिक और प्रतिनिधित्वकारी बनाने पर जोर दिया है. जिससे इन संस्थानों में विकासशील देशों की आवाज को भी उचित स्थान मिल सके. यही नहीं भारत और ब्राजील को सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका देने पर जोर दिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र संघ और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में व्यापक सुधार को लेकर ब्रिक्स देशों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि, संयुक्त राष्ट्र मुख्य रूप से इसकी सुरक्षा परिषद (UNSC) को और अधिक लोकतांत्रिक, प्रतिनिधित्वकारी, प्रभावशाली और विकासशील देशों के लिए समान अवसर वाला बनाने की जरूरत है.

संयुक्त बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य रूस और चीन ने भी भारत और ब्राजील की संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका की दावेदारी का समर्थन दोहराया है. बता दें कि भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता की मांग करता रहा है. जिससे वह यहां विकासशील देशों की आवाज को बुलंद आवाज में उठा सके. फिलहाल संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य देश हैं. जिनमें से 5 स्थायी सदस्य हैं, जिनके पास वीटो पावर है. बाकी 13 सदस्य देश अस्थाई हैं.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने एशिया और अफ्रीका के साथ लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों की वैध आकांक्षाओं को भी समर्थन दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सुरक्षा परिषद को ऐसा बनाना होगा जिससे आज की वैश्विक चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया जा सके. ब्रिक्स का कहना है कि सुरक्षा परिषद में सुधार के जरिए ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की आवाज को अधिक ताकत मिलने की जरूरत है. इस घोषणा के साथ ही अफ्रीकी देशों की मांगों को भी मान्यता दी गई, जिन्हें एजुलविनी सहमति और सिरते घोषणा में शामिल किया गया है.

इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन का ये है थीम
बता दें कि इस बार ब्राजील ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका जैसे पांच पुराने देशों के अलावा नए सदस्य देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया भी भाग ले रहे हैं. ब्राजील 1 जनवरी 2025 से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाल रहा है. इस बार ब्रिक्स की थीम समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के लिए ग्लोबल साउथ का सहयोग मजबूत करना है.

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