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भारत से बात करने के लिए बेचैन है पाकिस्तान, अब शहबाज शरीफ इस देश के सामने गिड़गिड़ाए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहलगाम में हुए हमले के बाद बिगड़ चुके हैं. भारत, पाकिस्तान से पीओके से नीचे किसी मुद्दे पर बात करने को राज़ी नहीं है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ दुनिया के हर देश के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं कि कोई उनकी बात भारत से करा दे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि वे सभी मुद्दों पर भारत से बात करने को तैयार हैं.

पाकिस्तान की ओर से अलग-अलग देशों से अपील की जा चुकी है कि कोई उनकी भारत से बात करा दे. एक बार फिर पाकिस्तानी पीएम ने सऊदी अरब के सामने गिड़गिड़ाए हैं कि उनकी बात भारत से करा दें. शहबाज शरीफ ने मंगलवार को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ फोन पर बातचीत के दौरान उनसे से अपील की.

सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उनकी बातचीत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के करीब दो महीने बाद हुई है. रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक शहबाज शरीफ सऊदी के प्रिंस से ये भी कहने लगे कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद समेत सभी मुद्दों पर भारत के साथ सार्थक बातचीत करने के लिए तैयार है. उनकी बेचैनी दिखा रही है कि भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान घुटनों पर आ चुका है और अब वो किसी भी तरह से भारत से बात करना चाहता है.

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियां रोक दिया. भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर भी शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तानी इलाकों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इस हमले के बाद चार दिनों तक संघर्ष जारी रहा, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के बाद थम गया. इस संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्ते और खराब कर दिए थे.

पाकिस्तान की ओर से जहां अलग-अलग देशों से ये अपील की जा रही है कि दोनों देशों की बातचीत बहाल हो जाए, वहीं भारत ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगी. चूंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, ऐसे में उससे बात करने का कोई मतलब नहीं है. प्रधानमंत्री सिंधु जल समझौते को लेकर भी सीधा संदेश दिया था – खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते.

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