इजराइल में रविवार को गाजा युद्ध शुरू होने के बाद का सबसे बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला. तेल अवीव के होस्टेज़ स्क्वायर पर ही 4 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए. वहीं, आयोजकों का कहना है कि पूरे दिन देशभर में करीब 10 लाख लोग अलग-अलग रैलियों और कार्यक्रमों में शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार तुरंत गाजा में बंदी बनाए गए 50 इजराइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करे.
यह विरोध प्रदर्शन सुबह 06:29 बजे शुरू हुआ, वही समय जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने हमला किया था. लोगों ने लगभग शहरों में सड़कों को जाम किया, दुकानें बंद कर दीं और मंत्रियों के घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया.
मुख्य रैली में गाजा में कैद मातान जांगाउकर का वीडियो दिखाया गया. इसमें वह अपने परिवार और दोस्तों से मिलने की इच्छा जताते दिखे. वीडियो उनकी मां एइनाव जांगाउकर ने जारी किया, जिन्होंने सरकार पर नाराजगी जताई और कहा कि न्यायपूर्ण युद्ध को व्यर्थ युद्ध बना दिया गया है.
बंधकों के परिवार और अक्टूबर काउंसिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इमरजेंसी ब्रेक का ऐलान किया. हाल के सर्वे बताते हैं कि इजराइल की बड़ी आबादी युद्ध रोकने और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते का समर्थन करती है. लेकिन जुलाई में हुई वार्ता टूट गई थी, जब अमेरिका और इजराइल ने दोहा से अपनी टीम वापस बुला ली थी. इस बीच सरकार ने गाजा सिटी पर नए सैन्य अभियान का ऐलान किया है, जिसे सेना ने भी बंधकों के लिए जोखिम भरा बताया है.
रविवार को पुलिस ने 38 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. मजदूर संगठन हिस्ताद्रुत ने औपचारिक हड़ताल में शामिल न होकर भी कर्मचारियों को प्रदर्शन की अनुमति देने की अपील की. कई टेक कंपनियों, निजी दफ्तरों और यूनिवर्सिटीज ने भी हड़ताल का समर्थन किया.