इजरायल ने पिछले दिनों गाजा के एक अस्पताल पर हमला कर दिया. जिसमें पांच पत्रकारों समेत 20 लोगों की मौत हो गई. इसका बाद सोमवार को इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने स्पष्ट किया कि वह “जानबूझकर” नागरिकों को निशाना नहीं बनाता है. इसके साथ ही आईडीएफ ने युद्ध के दौरान असंभव परिस्थितियां पैदा करने के लिए हमास को ज़िम्मेदार ठहराया.
बता दें कि आईडीएफ की यह टिप्पणी गाजा के खान यूनिस स्थित एक अस्पताल पर किए गए दो इजराइली हमलों के बाद आई है. इन हमलों में कम से कम 20 लोगों की जान गई थी. ये हमला गाजा के नासिर अस्पताल पर हुआ था. जो 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुए युद्ध के बाद से गाजा के कुछ हिस्सों में हुए कई इज़राइली हमलों में से सबसे घातक बताया गया है.
इन हमलों के बाद पैदा हुए आक्रोश के बीच आईडीएफ के प्रवक्ता बीजी एफी डेफ्रिन ने एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, “आईडीएफ जानबूझकर नागरिकों को निशाना नहीं बनाता है. आईडीएफ अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नागरिकों को होने वाले नुकसान को कम करने का हर संभव प्रयास करता है.” इसके साथ ही आईडीएफ प्रवक्ता ने हमास पर अस्पतालों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को जानबूझकर ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
आईडीएफ ने कहा कि हमास पहले भी नासिर अस्पताल से काम करता रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि, “हमास ने यह युद्ध शुरू किया और असंभव परिस्थितियां पैदा कीं, अब भी हमारे 50 बंधकों को बंधक बनाकर इसके अंत को रोक रहा है.” उन्होंने कहा कि एक जांच शुरू कर दी गई है और उन्हें आम लोगों को हुए किसी भी नुकसान के लिए खेद है.
बता दें कि गाजा के नासिर अस्पताल पर हुए हमले में पांच पत्रकार भी मारे गए थे. इनमें होसम अल-मसरी, मोहम्मद सलामा, मरियम अबू दक्का, मोआज़ अबू ताहा और अहमद अबू अज़ीज़ का नाम शामिल है. जबकि इस हमले में कुल 20 लोगों की जान गई थी.