राजधानी दिल्ली की हवा अब सिर्फ अक्टूबर या नवंबर के महीने में ही सबसे खराब नहीं होती, बल्कि अब ये जनवरी से लेकर जून तक भी सांस लेने लायक नहीं रही है. इस बात का खुलासा सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट में हुआ है. सीआरईए ने शुक्रवार को प्रदूषण पर अपनी मध्य-वर्ष मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की. जिसमें बताया गया है कि जनवरी और जून 2025 के बीच दिल्ली भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. जिसमें 29 दिन ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता और केवल तीन दिन ‘अच्छी’ श्रेणी की हवा दर्ज की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 महीनों के दौरान दिल्ली में 63 दिन वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही, जबकि 52 दिन ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहे. वहीं 31 दिन हवा की स्थित ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. इसके अलावा, तीन दिन ऐसे भी थे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है, “दिल्ली भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर एनएएक्यूएस से दोगुना यानी 87 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है.”
इस रिपोर्ट में दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की जरूरत पर भी जोर दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, “दिल्ली के वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण की जरूरत है. जिसमें बिजली और उद्योग पर भी उतना ही ध्यान और नियामक प्रयास लागू होने चाहिए, जितना वर्तमान में परिवहन और कृषि पर लागू होता है.” रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली ने 10 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वार्षिक PM2.5 दिशानिर्देश का उल्लंघन किया और 5 जून को राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) को पार कर लिया.
ये है देश का सबसे प्रदूषित शहर
शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी और जून 2025 के बीच, असम-मेघालय सीमा पर स्थित बर्नीहाट शहर में देश में वायु प्रदूषण का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया, जहां औसत PM2.5 सांद्रता 133 µg/m³ दर्ज की गई. बर्नीहाट शहर में इन छह महीनों के दौरान अधिकांश दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी (75 दिन) में रही, उसके बाद 38 दिन ‘मध्यम’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले दर्ज किए गए. जबकि 27 दिन ‘खराब’ श्रेणी में और 13 दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किए गए हैं. वहीं छह महीनों में 25 दिन ऐसे थे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहा, लेकिन एक भी दिन ‘अच्छी’ श्रेणी के मानक पर खरा नहीं उतरा.
इस शहर की हवा रही सबसे साफ
वहीं दूसरी ओर, मिजोरम की राजधानी आइजोल 2025 की पहली छमाही में सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा, जहां औसत PM2.5 स्तर केवल 8 µg/m³ था. शीर्ष 10 सबसे स्वच्छ शहरों में कर्नाटक के तीन, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के दो-दो, मिजोरम, मणिपुर और मध्य प्रदेश का एक-एक शहर शामिल रहा है. जबकि सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में बिरनीहाट और दिल्ली के बाद बिहार का हाजीपुर, गाजियाबाद, गुरुग्राम, सासाराम, पटना, तालचेर, राउरकेला और राजगीर का नाम शामिल है.