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बिहार चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

पटना| विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे प्रदेश का सियासी पारा बढ़ने लगा है. एक ओर इंडी गठबंधन है, जिसका आधार बढ़ाने के लिए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लगातार जनता के बीच जा रहे हैं. राहुल-तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा जारी है. वहीं, दूसरी ओर एनडीए ने भी अपने अभियान को तेज कर दिया है.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए संयुक्त संगठनात्मक अभियान शुरू कर रहा है. 23 अगस्त से ही अभियान की शुरुआत होने वाली है. अभियान में गठबंधन की सभी पांचों पार्टियां- भाजपा, जदयू, एलेजपी (आर), हम और आरएलडी के नेता हिस्सा लेंगे. पांचों दलों के नेताओं की 14 समितियां बनाई गई है.

भाजपा नेता 7 और जदयू सात समितियों का नेतृत्व करेगा. भाजपा ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री मंगल पांडे और सांसद संजय जायसवाल को जिम्मा सौंपा है. वहीं, जदयू ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी और रत्नेश सदा को जिम्मेदारी दी है. हर समिति में 7-7 सदस्यों शामिल होने की उम्मीद है. सांसद और बिहार सरकार के मंत्री भी सदस्य के रूप में शामिल होेगे.

पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो अभियान का उद्देश्य है कि गठबंधन दलों के कार्यकर्ताओं को आपस में जोड़ना चाहिए. जिससे जमीन पर विपक्ष के समक्ष एनडीए के कार्यकर्ता एकजुट रहे और इंडी गठबंधन को चुनौती दे सकें. अभियान के तहत 83 जगहों पर दो चरणों में बैठकें होंगी. पहला चरण 23 से 25 अगस्त तक चलेगा तो दूसरा चरण 28 से 30 अगस्त तक.

इस अभियान की मदद से समाज के निचले तबके तक SIR को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों को खत्म करने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा, वोटर्स को मोदी-नीतीश की गारंटी दी जाएगी कि विपक्ष सिर्फ झूठ बोल रहा है. किसी का भी वोट नहीं कटेगा. समिति सदस्य लोगों को नीतीश कुमार और मोदी सरकार की योजनाओं की लोगों को जानकारी देंगे.

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