वरिष्ठ अभिनेता व राज्यसभा सांसद कमल हासन ने कहा है कि “शिक्षा ही वह एकमात्र हथियार है जिससे तानाशाही और सनातन के बन्धनों को तोड़ा जा सकता है” । उन्होंने स्पष्ट किया, “किसी और माध्यम का सहारा मत लो, केवल शिक्षा की डोर थामो”।
कमल हासन ने चेतावनी दी कि बिना शिक्षा के “भड़की हुई संख्या” अर्थात् ‘बहुमत मूर्ख’ द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर दिया जा सकता है, जिससे वास्तविक जीत संभव नहीं रह जाती।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिर्फ वोटबैंक या जनसंख्या द्वारा नहीं, बल्कि गहरी समझ और शिक्षित निर्णय से ही समाज में सच्चा बदलाव लाया जा सकता है। यही कारण है कि उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे हथियारों की बजाय किताबों को अपनाएं और शिक्षा को अपना सबसे बड़ा साधन बनाएं।