पहलागाम हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ के माध्यम से जम्मू‑कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ ज़बरदस्त कार्रवाई की। पिछले 100 दिनों में कुल 12 प्रमुख आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें से छह पाकिस्तानी थे और अन्य स्थानीय आतंकियों से जुड़े हुए थे।
28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के तहत श्रीनगर के डचिगाम क्षेत्र में तीन आतंकी मारे गए, जिसमें पूर्व पायलागाम हमले के मास्टरमाइंड भी शामिल था। इसके ठीक अगले दिन ऑपरेशन शिवशक्ति के दौरान में जम्मू‑कश्मीर के पूंछ जिले में दो लश्कर‑ए‑तोयबा के आतंकवादियों को आकस्मिक अभियान में मार गिराया गया। इस कार्रवाई में असलहा और गोला‑बारूद भी बरामद किया गया ।
इन अभियानों का उद्देश्य सीमा पार से आतंकवाद की रोकथाम सुनिश्चित करना एवं संभावित हमलावरों को सक्रिय होने से पहले बेअसर करना था। सुरक्षा बलों ने खुफिया खुफिया जानकारी और स्थानीय पुलिस की सहायता से देगवार सेक्टर में रात की दलदल परिस्थिति का फायदा उठाते हुए आतंकियों की घुसपैठ को विफल किया ।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन दो योजनाओं के माध्यम से आतंकियों को लगातार दबाव में रखा गया जिससे जम्मू एवं कश्मीर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित रखने में मदद मिली। ऑपरेशन शिवशक्ति और महादेव ने आतंकवादियों के खिलाफ भारत की “ज़ीरो‑टॉलरेंस” नीति को स्पष्ट रूप से दर्शाया है ।