केंद्र सरकार ने लद्दाख में नई आरक्षण और डोमिसाइल नीति की घोषणा की है, जिसके तहत 85% सरकारी नौकरियाँ स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित की गई हैं। इस निर्णय का उद्देश्य स्थानीय भाषा, संस्कृति और भूमि की रक्षा करना है, जो अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से स्थानीय लोगों की प्रमुख मांग रही है।
नई नीति के अनुसार, लद्दाख में 15 वर्षों से निवास करने वाले या यहाँ के शिक्षण संस्थानों में 7 वर्षों तक पढ़ाई कर 10वीं या 12वीं की परीक्षा देने वाले व्यक्ति को डोमिसाइल माना जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार के अधिकारियों के वे बच्चे, जिनके माता-पिता ने लद्दाख में 10 वर्षों तक सेवा की है, वे भी डोमिसाइल के पात्र होंगे।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों (लेह और कारगिल) में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
यह कदम स्थानीय समुदायों की मांगों को संबोधित करने और क्षेत्रीय पहचान की रक्षा के लिए उठाया गया है।