चुनाव आयोग ने देशव्यापी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया अक्टूबर के अंत या अगले महीने की शुरुआत में शुरू करने की तैयारी कर ली है। यह कदम बिहार में हाल ही में संपन्न SIR के बाद पूरे देश में लागू किया जाना है।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें इस नए अभियान की कार्यप्रणाली, दस्तावेजों की आवश्यकता और राज्यों की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी — बैठक 10 सितंबर को हो रही है।
संक्षेप में, SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ और विश्वसनीय बनाना है, जिसमें डुप्लीकेट, मृत या गैर-नागरिक मतदाताओं को सूची से हटाया जाएगा और नए योग्य मतदाताओं को शामिल किया जाएगा।
हालांकि, कुछ विपक्षी दल और राज्य सरकारें इस पहल पर आपत्ति जता रही हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि SIR को पूरा करने में 3–4 साल लगेंगे, इसे जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR के लिए आधार कार्ड को पहचान दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया है।
यह SIR प्रक्रिया 1 जनवरी 2026 की कट-ऑफ तारीख को ध्यान में रखते हुए चुनावी प्रक्रिया को समय रहते तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।