फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ बढ़ते असंतोष के बीच, 10 सितंबर 2025 को “ब्लॉक एवरीथिंग” (Bloquons Tout) आंदोलन ने देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किए। यह आंदोलन सोशल मीडिया पर शुरू हुआ और जल्द ही विभिन्न वामपंथी और श्रमिक संगठनों का समर्थन प्राप्त कर लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पेरिस, मार्सेली, ल्यों, बोरडॉ, टूलूज़ और नांते जैसे शहरों में सड़कों को अवरुद्ध किया, कचरे के डिब्बे और टायर जलाए, और पुलिस से झड़पें कीं। पेरिस में अकेले 132 लोगों को गिरफ्तार किया गया। देशभर में 80,000 से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई, जिनमें से 6,000 पेरिस में थे। आंदोलन की मांग है कि राष्ट्रपति मैक्रों इस्तीफा दें और सरकार की नीतियों में बदलाव किया जाए।
यह विरोध प्रदर्शन प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की 8 सितंबर को संसद में विश्वास मत हारने के बाद शुरू हुआ। बायरू ने 2026 के बजट में 43.8 बिलियन यूरो की कटौती का प्रस्ताव रखा था, जिसमें पेंशन में वृद्धि पर रोक, दो राष्ट्रीय छुट्टियों की समाप्ति और स्वास्थ्य देखभाल में कटौती शामिल थी।
इन नीतियों के खिलाफ व्यापक असंतोष उत्पन्न हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बायरू को इस्तीफा देना पड़ा और सेबेस्टियन लेकोर्नू को नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि, लेकोर्नू के लिए संसद में बहुमत हासिल करना और राजनीतिक स्थिरता स्थापित करना चुनौतीपूर्ण होगा।
विश्लेषकों के अनुसार, यह स्थिति फ्रांस की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए गंभीर खतरे की ओर इशारा करती है, और यदि जल्द ही कोई राजनीतिक समझौता नहीं हुआ, तो यह यूरोपीय संघ के भीतर फ्रांस की भूमिका को भी प्रभावित कर सकता है।