उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से पकड़े गए जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा पर छेड़-छाड़ और धर्मांतरण के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय नेटवर्क तैयार करने का आरोप है। शुरूआती जांच में पाया गया कि छांगुर दुबई और नेपाल से धर्मांतरण प्रशिक्षकों को बुलवाता था और तहखानों में लड़कियों को ब्रेनवॉश करने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
ATS की जांच के अनुसार, इस गिरोह में लगभग 50 सदस्य शामिल थे, जो गरीब परिवारों की लड़कियों को प्रभाव में लाकर इस्लाम में धर्मांतरण कराते थे। गुप्त कोड वर्ड—’प्रोजेक्ट’, ‘काजल’, ‘मिट्टी पलटने’—का उपयोग भी किया जाता था ताकि प्रक्रिया सीक्रेट रहे।
इसके अलावा, छांगुर बाबा और अतीक अहमद के बीच अपराध-राजनीति का कनेक्शन भी उजागर हुआ है, जो इस मामले की गहराई को दर्शाता है। वित्तीय जांच में पता चला कि विदेशों—खासकर दुबई—से फंडिंग मिल रही थी; कुछ आरोपों में छांगुर के विदेशी पैसे से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने की बात भी सामने आई है।
इस खुलासे से सिद्ध होता है कि छांगुर बाबा का धर्मांतरण रैकेट न केवल स्थानीय बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता रहा। सुरक्षा एजेंसियाँ इस पूरे गिरोह को निशाने पर लेते हुए जांच को आगे बढ़ा रही हैं।