कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर केंद्र सरकार से व्यापक स्तर पर “जाति जनगणना” पर परामर्श कराने की मांग दोहराई है। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीतिगत आँकड़ों की आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब जाति आधारित आंकड़े आधिकारिक रूप से एकत्रित किए जाएँ। रमेश के अनुसार, कांग्रेस पहले ही संसद और विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर यह विषय उठा चुकी है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्ययोजना सार्वजनिक नहीं की।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों, सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों को साथ लेकर विस्तृत परामर्श प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए। पार्टी का तर्क है कि पिछली बार 2011 की सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना अनौपचारिक थी और उसके आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए, जिससे आरक्षण और कल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्य निर्धारण में कठिनाई आती है।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि जाति जनगणना से सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि नीतियां वास्तविक आँकड़ों पर आधारित होंगी। पार्टी ने सरकार से आगामी जनगणना प्रक्रिया में जातिगत प्रश्न शामिल करने, डेटा की पारदर्शी सार्वजनिक रिलीज़, और संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।