अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त 2025 को भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाए, जिससे भारतीय वस्तुओं पर कुल आयात शुल्क 50% तक पहुंच गया। यह कार्रवाई भारत द्वारा रूस से तेल आयात जारी रखने के विरोध में की गई, जिसे ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध को आर्थिक रूप से समर्थन देने वाला कदम बताया।
टैरिफ नोटिस 21 दिनों के बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा। जब उनसे पूछा गया कि चीन जैसे अन्य देशों को छोड़कर भारत को विशेष रूप से क्यों निशाना बनाया गया, ट्रम्प ने चेतावनी दी कि आगामी दिनों में “बहुत से सेकेंडरी सैंक्शन्स” लागू किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ आठ घंटे पुराना मामला है… आप और बहुत सारी सेकेंडरी सैंक्शन्स देखेंगे”। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि चीन पर भी ऐसे प्रतिबंध लागू हो सकते हैं।
भारत सरकार ने इस कदम को “अन्यायपूर्ण, अनुचित और अव्यवहारिक” बताया और आवश्यक राष्ट्रीय हितों की रक्षा को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। विश्लेषकों के अनुसार, नए टैरिफ के प्रभाव से भारत के अमेरिका को निर्यात में 40‑50% तक की कमी आ सकती है, जिससे दोनों देशों के व्यापार संबंधों में गहराई से वृद्धि हुई तनाव की आशंका है।