प्रचण्ड मॉनसून के चलते हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक 192 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 81 सड़क हादसों से जुड़ी मौतें शामिल हैं। भूमिस्खलन, क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड से राज्यभर में 309 से अधिक सड़कें बंद, 723 ट्रांसफॉर्मर और 276 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुईं।
सबसे अधिक तबाही मंडी जिले में हुई है, जहाँ 318 मार्ग अवरुद्ध, 657 ट्रांसफॉर्मर और 86 जल योजनाएँ प्रभावित हुईं। कुल मिलाकर राज्य का आर्थिक नुकसान ₹1,753.63 करोड़ से पार तथा अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है।
राज्य सरकार ने इस संकट की समीक्षा के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से सहायता की मांग की है, जबकि उपमुख्यमंत्री मुखेश अग्निहोत्री ने बताया कि 95% प्रभावित जल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है, जिसमें ₹580 करोड़ की वार्षिक योजना की क्षति का आकलन किया गया है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और सरकार ने AI‑आधारित शीघ्र चेतावनी प्रणाली पर काम तेज कर दिया है ताकि भविष्य में आपदा प्रबंधन अधिक प्रभावी हो सके।