केरल के मलप्पुरम जिले में ‘माइंड-ईटिंग’ इंफेक्शन (अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में 17 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यह संक्रमण मुख्य रूप से गर्म और उथले पानी में पाए जाने वाले ‘नेग्लेरिया फॉलेरी’ नामक अमीबा के कारण होता है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न, दौरे और कोमा शामिल हैं। यह संक्रमण आमतौर पर दूषित जल स्रोतों में तैरने या नहाने से होता है। मलप्पुरम जिले में अब तक इस बीमारी से 5 मौतें हो चुकी हैं, और 11 सक्रिय मामले अस्पतालों में भर्ती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और मानसून के दौरान जल स्रोतों में बढ़ती गंदगी इस संक्रमण के प्रसार के प्रमुख कारण हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों में न नहाने की सलाह दी है।
यह संक्रमण अत्यंत दुर्लभ और जानलेवा होता है, और इससे बचाव के लिए जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है।